- 2025-11-14 09:07:43
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों में बोध गया (SC) विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के उम्मीदवार कुमार सर्वजीत ने बेहद कड़ी टक्कर के बीच 881 वोटों से जीत दर्ज की है। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जारी आधिकारिक परिणामों के अनुसार कुल 26 में से सभी राउंड की गिनती पूरी होने के बाद यह जीत घोषित हुई।
कितने मिले वोट?
कुमार सर्वजीत (RJD): 1,00,236 वोट
निकटतम प्रतिद्वंद्वी श्यामदेव पासवान (LJP-R): 99,355 वोट
जीत का अंतर: 881 वोट
यह अंतर बताता है कि बोध गया सीट पर मुकाबला कितना रोमांचक और कड़ा था। वोटों की गिनती के हर राउंड के साथ तस्वीर बदलती रही, लेकिन अंत में बाज़ी सर्वजीत के हाथ रही।

सीट का महत्व और चुनावी वातावरण
बोध गया विधानसभा सीट अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित है और हमेशा से राजनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है। यहाँ पर पिछले कई चुनावों में करीबी मुकाबले देखने को मिले हैं।
कुमार सर्वजीत पहले भी इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
2020 के चुनावों में भी उन्होंने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार जीत का अंतर काफी छोटा रहा, जो बताता है कि यहाँ चुनाव कितना प्रतिस्पर्धी था।
जीत के मायने
यह जीत RJD के लिए बोध गया क्षेत्र में राजनीतिक मजबूती बनाए रखने का संकेत है।
कम अंतर से मिली जीत बताती है कि आने वाले चुनावों में यहाँ और भी कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
यह परिणाम स्थानीय मुद्दों, विकास और जनसंपर्क की अहमियत को और मजबूत करता है।
आगे की राह
अब जीत के बाद कुमार सर्वजीत पर क्षेत्र के विकास और जन अपेक्षाओं को पूरा करने का दायित्व और बढ़ गया है।
स्थानीय जनता को उम्मीद है कि बोध गया में रोजगार, सड़क, शिक्षा और पर्यटन जैसे प्रमुख मुद्दों पर अब तेजी से काम होगा।
निष्कर्ष
कुमार सर्वजीत की यह जीत भले ही मामूली अंतर से हो, लेकिन राजनीतिक रूप से इसका महत्व बड़ा है। यह चुनाव दर्शाता है कि बोध गया की जनता जागरूक है और हर वोट की कीमत है। आने वाले वर्षों में यह सीट बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाती रहेगी।
Comments(01)
Ritesh Panday
June 10, 2025विपिन कुमार की आप्त सचिव के रूप में नियुक्ति एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक निर्णय है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव निश्चित रूप से मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में सहायक होगी। यह नियुक्ति अस्थायी रूप से की गई है और मंत्री के कार्यकाल तक प्रभावी रहेगी
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