दैनिक झारखंड न्यूज
रांची । राज्य के कृषि निदेशक पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है। सूचना आयोग ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। यह कार्रवाई आरटीआई के तहत सूचना नहीं देने को लेकर की गई है।
जिला कृषि पदाधिकारी-सह-जन सूचना पदाधिकारी गुमला के द्वारा तीन-तीन बार पत्र भेजने के बावजुद भी कृषि निदेशक ने आवेदनकर्ता आनन्द किशोर पण्डा को सूचनाएं उपलब्ध नही कराई गई। इस मामले को झारखंड राज्य सूचना आयोग की संयुक्त पीठ ने गंभीरता से लेते हुए कृषि निदेशक से स्पस्टीकरण मांगा है। आयोग की संयुक्त पीठ ने 3 मई 2019 की सुनवाई आदेश में कहा गया है कि “कृषि निदेशक के द्वारा अब तक आवेदक को सूचनाएं नही करने पर क्यो नही आरटीआई एक्ट 2005 के के तहत आयोग उनके विरद्ध दण्डात्मक कारवाई करने का आदेश पारित करें।”
उल्लेखनीय है कि आवेदनकर्ता आनन्द किशोर पण्डा ने 12 मई 2017 को आरटीआई एक्ट के तहत सूचना मांगी थी। जिला कृषि पदाधिकारी गुमला से “कृषि विभाग का कार्य व दायित्व सम्बंधी सत्रह कंडिका की सूचना मांगी गयी थी। सूचनाएं देने के लिए उन्होंने 12 सितंबर 2017, 27 फरवरी 2018 और 25 अप्रैल 2018 को कृषि निदेशक को भेजा। आवेदक को सीधे तौर से निदेशालय स्तर से सूचनाएं देने का आग्रह किया गया था।
आयोग को (अपीलवाद सं०-2034/2017) की सुनवाई में आवेदक के नाम सूचनाएं भेजने का प्रमाण नही मिला। इसके बाद सूचना आयोग ने कृषि निदेशक को डीम्ड जन सूचना पदाधिकारी नामित करते हुए आवेदक के पते पर शीघ्र सूचनाएं देने के साथ-साथ सूचना देने में देरी होने पर उनसे स्पष्टीकरण की मांग की है।