- राष्ट्रीय प्रवासी और राष्ट्रीय फैलोशिप पोर्टल का शुभारंभ, आवेदन आमंत्रित
दैनिक झारखंड न्यूज
नई दिल्ली/रांची । अब एक ही मंच पर देश की जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य और पोषण की जानकारी मिलेगी। जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने इसके लिए पोर्टल लांच किया है। इसके अलावा मंत्रालय ने स्वास्थ्य तथा पोषण पर ई-न्यूजलेटर ‘आलेख’, राष्ट्रीय प्रवासी पोर्टल और राष्ट्रीय जनजातीय फैलोशिप पोर्टल का भी शुभारंभ किया।
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने आदिवासी स्वास्थ्य और पोषण पर ‘स्वास्थ्य’ नामक ई-पोर्टल का उद्घाटन किया। यह एक ही मंच पर भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य और पोषण संबंधी जानकारी उपलब्ध कराता है। ‘स्वास्थ्य’ साक्षों, विशेषज्ञता और अनुभवों के आदान-प्रदान की सुविधा के लिए भारत के विभिन्न हिस्सों से एकत्र की गई नवाचारी प्रक्रियाओं, शोध रिपोर्टों, मामला अध्ययनों, श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करेगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय ने स्वास्थ्य और पोषण के लिए ज्ञान प्रबंधन के बार उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में पीरामल स्वास्थ्य को मान्यता दी है। यह केन्द्र लगातार मंत्रालय से जुड़ा रहेगा और भारत की जनजातीय आबादी के स्वास्थ्य और पोषण से संबंधित साक्ष्य आधारित नीति और निर्णय लेने के लिए इनपुट उपलब्ध कराएगा। यह पोर्टल http://swasthya.tribal.gov.in एनआईसी क्लाउड पर होस्ट किया गया है।
इस अवसर पर श्री मुंडा ने कहा कि सभी के लिए स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता प्रधानमंत्री की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इस पोर्टल की शुरुआत देश की जनजातीय आबादी की सेवा करने के बड़े लक्ष्य की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने गोइंग ऑनलाइन एज लीडर्स (जीओएएल) के माध्यम से फेसबुक के साथ भागीदारी में मंत्रालय की पहल के बारे में भी जानकारी दी। इस जीओएएल के माध्यम से मंत्रालय का उद्देश्य देश के 5000 जनजातीय युवाओं को सलाह देना और उन्हें अपने समुदाय के लिए ग्राम स्तर के डिजिटल युवा नेता बनाने में सक्षम करना है। इस कार्यक्रम के तहत 5 सितम्बर, 2020 को शिक्षक दिवस के अवसर पर मोबाइल वितरण और कार्यक्रम लॉन्च करने की भी घोषणा की।
फैलोशिप और प्रवासी छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन के शुरू होने के बारे में श्री मुंडा ने कहा कि राष्ट्रीय फैलोशिप और प्रवासी छात्रवृत्ति पोर्टल अनुसूचित जनजाति के छात्रों के लिए बेहतर पारदर्शिता और आसान जानकारी उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि यह डैशबोर्ड अनुसूचित जनजातियों को सशक्त बनाने की दिशा में काम करने के लिए डिजिटल इंडिया का एक हिस्सा है, जो सिस्टम में दक्षता और पारदर्शिता लाएगा। जनजातीय कार्य मंत्रालय और नीति आयोग द्वारा निर्धारित तंत्र के अनुसार एसटीसी घटक के तहत जनजातियों के कल्याण के लिए अपने बजट की आवंटित राशि को खर्च करने के लिए अपेक्षित 37 अन्य मंत्रालयों के कार्य प्रदर्शन को भी डैशबोर्ड पर विभिन्न पैरामीटर पर देखा जा सकता है। डैशबोर्ड को राष्ट्रीय सूचना केन्द्र के तहत सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ डेटा एनेलिटिक्स (सीईडीए) संगठन द्वारा सार्वजनिक नाम http://dashboard.tribal.gov.in से विकसित किया गया है। जनजातीय कार्य राज्य मंत्री श्रीमती रेणुका सिंह सरुता ने एक त्रैमासिक ई-न्यूज लेटर आलेख जारी किया।
कैबिनेट सचिवालय में सचिव (समन्वय) वीपी जॉय ने शैक्षणिक वर्ष 2020-21 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय प्रवासी और राष्ट्रीय फैलोशिप पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने डीबीटी के माध्यम से सभी छात्रवृत्ति योजनाओं के संबंध में उत्कृष्ट डेटाबेस बनाने और डैशबोर्ड के माध्यम से पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर मंत्रालय में सचिव दीपक खांडेकर, संयुक्त सचिव नवलजीत कपूर, पीरामल फाउंडेशन के सीईओ परेश परासनिस, पब्लिक हेल्थ नवाचार, पीरामल स्वास्थ्य के उपाध्यक्ष शैलेन्द्र हेगड़े और फेसबुक से रजत अरोड़ा उपस्थित थे।