दैनिक झारखंड न्यूज
रांची । डीवीसी ने झारखंड में ब्लैक आउट की चेतावनी दी है। पहले से ही 300 मेगावाट बिजली की कटौती कर रहे दामोदर वैली निगम ने झारखंड सरकार को यह अल्टीमेटम गुरुवार को दिया। निगम की ओर से चिट्ठी भेजकर कहा गया है कि सरकार ने जल्द बकाया नहीं चुकाया तो बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप कर देंगे। चिट्ठी जारी कर दी ब्लैक आउट की चेतावनी दी है।
इससे पहले बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने त्रिपक्षीय बिजली समझौते से बाहर निकलने की घोषणा की थी। सीएम ने कहा था कि बिजली बकाया को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और रिजर्व बैंक के साथ समझौते में बंधे होने के चलते रिजर्व बैंक के अकाउंट से डीवीसी को पैसे का भुगतान कर दिया गया। ऐसे में राज्य के विकास की गतिविधियां ठहर जाती है।
सरकार को चिट्ठी जारी कर दिया अल्टीमेटम
बकाया भुगतान के लिए झारखंड सरकार पर लगातार दबाव बना रहे डीवीसी ने आंशिक बिजली कटौती के बाद अब राज्य में बिजली आपूर्ति पूर्णत: बंद करने की चेतावनी दी है। गुरुवार देर रात डीवीसी मुख्यालय ने स्पष्ट कहा है कि बिजली वितरण निगम द्वारा बकाया नहीं चुकाए जाने पर जेबीवीएनएल का लेटर आफ क्रेडिट (एलसी) भुना कर कमांड एरिया को ब्लैकआउट कर दिया जाएगा।
डीवीसी के मुख्य अभियंता (वाणिज्य) मानिक रक्षित के हवाले से यह जानकारी दी गई है। गौरतलब है कि डीवीसी के पास पेमेंट गारंटी के एवज में जेबीवीएनएल के 177 करोड़ रुपये का एलसी जमा है, जिसमें यह शर्त है कि डीवीसी तबतक इसे नहीं भुना सकता जबतक जेबीवीएनएल बिजली का भुगतान करता रहेगा। डीवीसी का तर्क है कि कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन से 600 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है। यह पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत की जाती है। इसके अलावा 60 मेगावाट अतिरिक्त बिजली कंज्यूमर मोड में आपूर्ति की जाती है।
बकाया भुगतान नहीं करने पर जेबीवीएनएल एलसी भुना लेने की भी कही बात
डीवीसी की ओर से कहा गया है कि जेबीवीएनएल लगातार भुगतान में विलंब करता है। इससे बकाया बढ़ता जा रहा है। जनवरी 2020 से दिसंबर 2020 तक डीवीसी का 1960.20 करोड़ रुपये का बिल है। इसके विरुद्ध जेबीवीएनएल ने केवल 893.18 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है। अभी भी राशि 1067 करोड़ रुपये बकाया है। पूर्व के बकाये को लेकर कुल पांच हजार करोड़ रुपये का बकाया है। बार-बार डीवीसी के आग्रह के बावजूद जेबीवीएनएल भुगतान नहीं कर सका है।
कई दिनों से कमांड एरिया में डीवीसी कर रहा है आंशिक कटौती
गौरतलब है कि बकाए को लेकर डीवीसी द्वारा कमांड एरिया (राज्य के सात जिलों में) में लगातार बिजली कटौती की जा रही है। हालांकि गुरुवार को लोड शेडिंग नहीं हुई। बुधवार को झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा डीवीसी को अतिरिक्त 44 करोड़ रुपये दिए गए। 150 करोड़ रुपये मासिक बकाया बिल में निगम द्वारा 94 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। साथ ही 13 जनवरी तक शेष राशि के भुगतान की बात कही गई है।
त्रिपक्षीय समझौता रद करने का झारखंड को मिलेगा लाभ
राज्य सरकार ने बिजली बिल भुगतान को लेकर केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय और रिजर्व बैंक के साथ हुए त्रिपक्षीय समझौते से खुद को अलग कर लिया है। समझौता रद करने का लाभ झारखंड को कई मोर्चे पर होगा, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। समझौता रद होने के बाद बिजली वितरण निगम पर इस बात का दबाव बना रहेगा कि वह बिजली आपूर्ति के एवज में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) को मासिक बिल का भुगतान करे।